वही झूठे भ्रम अब सिर्फ जीने के सहारे हैं। वही झूठे भ्रम अब सिर्फ जीने के सहारे हैं।
तुम्हारी बातें अब झूठी लगती हैं तुम्हारे वादे दिल चीरते हैं तुम्हारी बातें अब झूठी लगती हैं तुम्हारे वादे दिल चीरते हैं
तराने दुःख भरे कोई अब किसको सुनाए। वेदना से भीगे नयन अब किसको दिखाए। तराने दुःख भरे कोई अब किसको सुनाए। वेदना से भीगे नयन अब किसको दिखाए।
ग्यारह जनों का इसीलिए तो हैं देखो एक और एक ग्यारह ! ग्यारह जनों का इसीलिए तो हैं देखो एक और एक ग्यारह !
करता है वह अपने से यही प्रश्न बार -बार। करता है वह अपने से यही प्रश्न बार -बार।
राख नहीं पड़नेे देंगे हम तो अपनी इन आमद पर। राख नहीं पड़नेे देंगे हम तो अपनी इन आमद पर।